Sunday, March 18, 2018

तनाव से बाहर निकलने कुछ टिप्स | Depression Treatment in Hindi

आज कल आये दिन हम Newspaper में लोगो की आत्महत्या के बारे में बढ़ते है। यह बहुत ही serious problem है Depression यह एक मानसिक समस्या हैं। जिसमें कई लोग सामान्य बर्ताव नहीं करते और धीरे धीरे अपना मानसिक संतुलन भी खो देते हैं। Depression ज्यादा हो तो कई बार लोग आत्महत्या जैसे रास्तें को चुनते है इसीलिए Depression Treatment करना हमारा सबसे पहला काम है।

Depression की कई वजह हो सकती है हर किसी की समस्या अलग अलग हो सकती हैं लेकिन उनके लक्षण लगभग एक जैसे ही होते हैं। जैसे नींद न आना, हर बार चिडचिडा या क्रोध में रहना, हर बार अपने खुद को बदनसीब कहना और जल्द ही भावुक हो जाना। अगर आपके आसपास के किसी भी व्यक्ति में ऐसे लक्षण दिखाई दे तो हमनें यहाँ पर तनाव से बाहर निकलने कुछ टिप्स – Depression Treatment बताये हैं। जिन्हें पढ़कर आप उस व्यक्ति की मदत कर सकते हैं।

तनाव से बाहर निकलने कुछ टिप्स – Depression Treatment in Hindi



• क्वालिटी टाइम –
परिवार और दोस्तों के साथ क्वालिटी टाइम बिताना, यह डिप्रेशन से लड़ने के लिए बेस्ट मेडिसिन है। कभी कभी आप अपने परिवार के साथ कही बाहर अपने काम से ब्रेक लेके हॉलिडे भी जा सकते हैं Nature के साथ रहने से आपके मन में आनेवाले दुखी विचार और feelings शांत हो जाएँगी। इससे आपका मन हल्का हो जायेगा।

• खुल के बात करों –
अपने परिवार वालोँ से या फिर जो भी आप के सबसे ज्यादा करीब हैं और आपको लगता हैं की वह आपकी बात समझ सकता हैं उससे खुल के अपने प्रोब्लेम्स के बारे में बात करो। आपके क्लोज फ्रेंड्स और आपका परिवार ही आपको डिप्रेशन से बहार निकलने में important भूमिका निभाता है।

• Workshops and Seminars –
अपने काम से related अलग अलग workshop and seminar में हिस्सा लेने से आपको आपके काम में interest आएगा और आप अपने career में नयी नयी चीज़ो पर experiment करना शुरू कर देंगे।

अपना मनपसंद काम करे –
हमें जिस काम में भी आता हो या हमारी जिसमें भी रुची हो वो काम करें जैसे पेटिंग, गाना गाना, कविताये करना या फिर डांस करना इससे हमें Depression से निकलने के लिए सहायता मिलेंगी।

• Social Service –
अलग अलग प्रकार के NGO में जाके उनके लिए मुफ्त काम करना एक therapy के समान है। समाजसेवा करने से आप का खाली मन busy रहेगा और आपको अच्छा काम करने से सुकून भी मिलेगा।

• Motivational Songs, Movies, Videos –
जब भी आप कमजोर या दुखी महसूस करे तब अपने मोबाइल पर motivational गाने सुनिए या फिर वीडियोस देखे। ऐसा करने से आपका नेगेटिव मूड बदल जायेगा और आपको आगे काम करने के लिए एनर्जी मिलेगी।

• Running/Swimming –
कोई भी खेल जिसमे आप को चैलेंज महसूस हो। ऐसे खेल में अपना मन लगाने से भी आप अपने अंदर confidence जगा सकते है। बहुत सारे लोग मैराथन में हिस्सा लेते है, कुछ लोग स्विमिंग शुरू करते है। इससे अच्छे physical हेल्थ के साथ mental हेल्थ भी strong हो जाती है।

• Drugs और Medicines से दूर रहे –
अक्सर लोग Depression से लड़ने के लिए बिना किसी डॉक्टर की सलाह के drugs या medicines लेना चालू करते है। इसके खतरनाक side-effects के कारन आपको फ्यूचर में कई health problems को झेलने की नौबत आ जाएगी।

Wednesday, March 7, 2018

मूली खाने के फायदे-Muli Khane Ke Fayde

मूली खाने के कुछ ऐसे फायदे जो शायद ही आपको कहीं मिले मूली खाने में कडवी जरूर होती है, लेकिन इसे खाने के फायदे सुनकर सारी कडवाहट दूर हो जाती हैं, इसीलिए मैं आज आपको पोस्ट के माध्यम से मूली खाने के कुछ ऐसें फायदे बताउंगा जिन्हें पढ़कर आप मूली से दूर नही भागेंगे.

1. रोजाना सुबह खाने में मूली का सेवन करने से डायबिटीज से जल्द छुटकारा मिल सकता हैं.

2. मूली खाने से जुखाम रोग भी नही होता हैं, इसीलिए मुली को स्लाद के रूप में जरूर खाना चाहिए.

3. हर-रोज मूली के ऊपर काला नमक डालकर खाने से भूख न लगने की समस्या दूर हो जाती हैं.

4. मूली खाने से हमे विटामिन ए मिलता हैं, जिससे हमारे दांतो को  मजबूती मिलती हैं.

5. मूली खाने से बाल झड़ने की समस्या दूर हो जाती हैं.

6. बवासीर रोग में कच्ची मूली या मूली के पत्तो की सब्जी बनाकर खाना फायदेमंद होता हैं.

7. अगर पेशाब का बनना बंद हो जाये तो मूली का रस पीने से पेशाब दोबारा बनने लगता हैं.

8. हर-रोज 1 कच्ची मूली सुबह उठते ही खाने पीलीया रोग में आराम मिलता हैं.

9. नियमित रूप से मूली खाने से मधुमेह का खतरा भी कम रहता हैं.

10. अगर आपको भी खट्टी डकारे आती हैं, तो मूली के 1 कप रस में मिश्री मिलाकर पीने से लाभ मिलता हैं.

11. नियमित रूप से मूली खाने से मुँह,आंत और किडनी की कैंसर का खतरा कम रहता हैं.

12. थकान मिटाने और नींद लाने में भी मूली सहायक हैं.

13. मोटापा दूर करने के लिए मूली के रस में नींबू और नमक मिलाकर सेवन करें.

14. पायरिया से परेशान लोग मूली के रस से दिन में 2-3 बार कुल्ले करें और इसका रस पिएं.

15. सुबह-शाम मूली का रस पीने से पुराने कब्ज में भी लाभ होता हैं.

16. मूली के रस में समान मात्रा में अनार का रस मिलाकर पीने से हीमोग्लोबिन बढ़ता हैं.

17. मूली को धीरे-धीरे चबाकर खाने से दांत चमकते हैं, और शरीर से दाग-धब्बे भी दूर हटते हैं.

18. मूली खाने से हमारी आंखों की रोशनी भी बढ़ती हैं.

19. नियमित रूप से मूली खाने से ब्लड प्रैशर कंट्रोल में रहता हैं.

20. मूली खाने का सबसे बडा फायदा पेट में गैस तो बिल्कुल नही रहती हैं.

21. हाथ-पैरों के नाख़ूनों का रंग सफ़ेद हो जाए तो मूली के पत्तों का रस पीना लाभदायक हैं.

22. सुबह-सुबह मूली के नरम पत्तों पर सेंधा नमक लगाकर खाने से मुंह की दुर्गंध दूर होती हैं.

23. मूली के पत्तों में सोडियम होता है, जो हमारे शरीर में नमक की कमी को पूरा करता हैं.

24. नियमित रूप से मूली खाने से पेट के कीडे नष्ट हो जाते हैं.

गाजर के फायदे

 गाजर प्रकृति की बहुत ही कीमती देन है जो शक्ति का भण्डार है। गाजर फल भी है और सब्जी भी तथा इसकी पैदावार पूरे भारतवर्ष में की जाती है। मूली की तरह गाजर भी जमीन के अन्दर पैदा होती है।
 गाजर के सेवन से शरीर मुलायम और सुन्दर बना रहता है तथा शरीर में शक्ति का संचार होता है और वजन भी बढ़ता है।

 बच्चों को गाजर का रस पिलाने से उनके दांत आसानी से निकलते हैं और दूध भी ठीक से पच जाता है।
 बवासीर, क्षयरोग पित्त आदि में गाजर का सेवन करना बहुत ही उपयोगी है।
 गाजर का रस दिमाग के लिए बहुत ही अच्छा माना जाता है।
 गाजर के सेवन से शरीर स्वस्थ रहता है तथा शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ जाती है।
 इसके उपयोग से गुदा की जलन भी दूर हो जाती है।
 गाजर का सेवन करने से आमाशय को शक्ति मिलती है तथा दिल खुश रहता है। यह स्वभाव को कोमल करती है।
 यह कफ को गलाकर बाहर निकाल देती है।
 खांसी और सीने की जकड़न को यह दूर करती है।
 इसके सेवन से पेशाब खुलकर आता है।
 यह पथरी को गलाकर बाहर निकाल देती है।
 यह जलोदर को नष्ट करती है।
 इसका रस पागलपन से पीड़ित रोगी को पिलाना लाभकारी होता है।
 गाजर से बना हलवा तथा पकवान बलवर्धक तथा पौष्टिक होता है।
 लगतार काम करने के कारण से शरीर में आई कमजोरी को दूर करने के लिए गाजर का सेवन करें इससे यह कमजोरी दूर हो जाएगी।
 गाजर का रस पीने से पाचन संस्थान मजबूत होता है।
 इसके सेवन से मल की बदबू और विषैले कीटाणु नष्ट हो जाते हैं।
 गाजर में केरोटीन नामक जो तत्व होता है, वह कैंसर को ठीक करने में उपयोगी है।
 यदि लम्बी बीमारी से पीड़ित रहने के कारण से शरीर में कमजोरी उत्पन्न हो गई हो तो में गाजर का रस पीना बहुत ही लाभकारी होता है। ★ ★ इसके सेवन से रोगी चुस्त, तरो ताजा और शक्तिशाली बनाता है।
 गाजर का रस, भुना हुआ जीरा, शक्कर तथा नमक मिलाकर पीने से वातदोष दूर हो जाता है।

निषेध :

नि:सन्देह गाजर का रस सभी रोगों को ठीक करने में बहुत ही लाभकारी होता है फिर भी जुकाम, जीर्ण ज्वर, न्यूमोनिया, या तेज बुखार में गाजर के रस का सेवन नहीं करना चाहिए। इसका कारण यह है कि रोग होने के समय शरीर के अन्दर के विषैलें द्रव्य बाहर निकालते हैं। ऐसी अवस्था में गाजर का रस या कोई भी अन्य पेय पदार्थ या फिर कोई भी आहार इस प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न करेगा लेकिन टान्सिलाइटिस, पेचिश, आंत की जलन, एनीमिया, पथरी, बवासीर, अल्सर और खून से सम्बंधित रोग आदि में गाजर का रस उपयोगी सिद्ध होता है।

गाजर का रस निकालने की विधि : gajar ka rus nikalne ka tarika

गाजर को मिक्सी में पीसकर रस निकाला जा सकता है या लोहे की छलनी में गोल छेद करके और फिर उसकी उल्टी तरफ गाजर को रगडे़। इससे गाजर बुरादे की तरह हो जाएगी फिर इसे कपड़े में रखकर निचोड़ने से रस निकल आता है। ऐसी चलनी और रस निकालने की मशीन बाजार से भी खरीदी जा सकती है।

गाजर का जूस पीने के फायदे :Gajar Ke Juice Ke Fayde
गाजर का रस पीना बहुत अधिक लाभदायक होता है। एक गिलास गाजर का रस एक बार के भोजन के बराबर होता है। एक बार में केवल एक गिलास का रस पियें इससे अधिक नहीं। इस रस को लगातार सेवन करते रहने से दूषित और विषैले पदार्थ शरीर से बाहर निकल जाते हैं। बडे़-बडे़ असाध्य रोग यहां तक की कैंसर भी इसके सेवन से ठीक हो जाता है।
गाजर के प्राकृतिक गुणों को देखते हुए चिकित्सकों ने इसे गरीबों के लिए सेब के समान माना है जो लोग सेब नहीं खरीद सकते, वे गाजर खाकर उतना ही लाभ प्राप्त कर सकते हैं। इससे शरीर में खून की कमी दूर हो जाती है। गाजर का रस पर्याप्त मात्रा में लेने से शरीर मोटा-ताजा और चुस्त हो जाता है।

गाजर से विभिन्न रोगों के घरेलु उपचार : Health Benefits of Carrots
1. नींद न आना (अनिद्रा):
• रोजाना 1 गिलास गाजर का रस पीने से अनिद्रा दूर हो जाती है।
• नींद न आने की स्थिति में रात को सोने से 30-40 मिनट पहले गाजर का रस पीने से लाभ मिलता है।
2. प्लीहा वृद्धि (तिल्ली): तिल्ली की वृद्धि को कम करने के लिए गाजर के अचार का सेवन करना लाभदायक होता है।
3. आधासीसी (माइग्रेन) अधकपारी: गाजर के पत्तों पर घी लगाकर इसे हल्का गर्म करके इसके बाद इसे पीसकर रस निकला लें तथा इस रस को बूंद-बूंद करके नाक में डालने से आधासीसी (माइग्रेन) का रोग दूर हो जाता है।
4. पेट के कीड़े:
• गाजर का रस 125 मिलीलीटर की मात्रा में रोज खाली पेट 14 दिन तक सेवन करने से पेट के कीड़ें मरकर मल के द्वारा बाहर निकल जाते हैं।
• कच्ची गाजर को 7 दिनों तक खाने से भी पेट के कीड़ों से छुटकारा मिलता है।
• गाजर का 125 मिलीलीटर रस को खाली पेट पीने से पेट के कीड़े मर जाते हैं।
• 1 कप गाजर का रस लगातार लगभग 15 दिनों तक पीने से पेट के कीड़ें मल के रास्ते बाहर हो जाते हैं।
5. नकसीर: 200 मिलीलीटर गाजर के रस और 50 मिलीलीटर पालक के रस को एक साथ मिलाकर पीने से नकसीर (नाक से खून बहना) रुक जाती है।
6. दिल का तेज धड़कना:
• हृदय की धड़कन का बढ़ना तथा रक्त गाढ़ा होने रोग को ठीक करने के लिए गाजर का सेवन करना लाभदायक होता है।
• गाजर का रस 200 मिलीलीटर मात्रा में प्रतिदिन पीने से हृदय की निर्बलता नष्ट होने से तेज धड़कन की समस्या का निवारण होता है।
7. चेहरे की झाई: गाजर को पीसकर उसका रस निचोड़ लें या उसका रस निकालकर उसमें चन्दन का बुरादा, गुलाब जल और बेसन को मिलाकर लेप बना लें। इसको चेहरे पर अच्छी तरह रगड़कर लगाने से चेहरे पर चमक आती है।
8. सिर का फोड़ा: गाजर को पीसकर सिर के फोड़ें पर लगाने से फोड़ा ठीक होने लगता है।
9. उच्चरक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर): गाजर के रस में शहद मिलाकर पीने से उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) कम होता है और लाभ मिलता है।
10. त्वचा के रोग के लिए:
• 1 कप गाजर का रस रोज पीने से त्वचा के रोग ठीक होने लगते हैं।
• विटामिन ए की कमी से त्वचा सुखी पड़ जाती है। सर्दियों में त्वचा अधिक सूखी रहती है। सर्दियों में गाजर अधिक मात्रा में मिलती है। गाजर में विटामिन ए बहुत अधिक मात्रा में होता है। अत: गाजर खाने से त्वचा का सूखापन दूर हो जाता है।
• गाजर का रस पीने से मुंहासें साफ हो जाते हैं और चेहरा भी चमक उठता है।gajar ke fayde
• गाजर का रस कीटाणुनाशक है तथा यह संक्रमण को दूर करता है। उससे खून की उत्तेजना और बदबू दूर होती है। इससे शरीर का खून साफ हो जाता है जिससे फोड़े-फुन्सी और मुंहासें ठीक हो जाते हैं। चेहरा सुन्दर हो जाता है और रोगी के चेहरे का रंग गुलाब के फूल के समान हो जाता है। गाजर का रस चर्म (चमड़ी) के रोगों में बहुत ही लाभदायक होता है।
• रूई के फाये से गाजर के रस को गर्दन और चेहरे पर लगाकर थोड़ी देर सूखने दें और फिर ठण्डे पानी से धो लें। इससे त्वचा साफ और चमकदार हो जाएगी।
• गाजर का रस और पालक के रस को एक साथ मिलाकर 2 चम्मच शहद के साथ मिलाकर पीने से त्वचा के सारे रोगों में लाभ मिलता है।
• 20-20 मिलीलीटर गाजर का रस, टमाटर का रस और चुकन्दर का रस को एक साथ मिलाकर लगातार 2 महीने तक रोजाना पीने से चेहरे की झाईयां, दाद, दाग और मुंहासें मिट जाते हैं और चेहरा बिल्कुल साफ और चमकदार हो जाता है।
11. हृदय की दुर्बलता:
• गाजर का ठण्डा मुरब्बा सेवन करने से अधिक गर्मी के कारण बढ़ी हुई धड़कन सामान्य हो जाती है।
• प्रतिदिन 250 मिलीलीटर मात्रा में गाजर का रस पीने से हृदय की दुर्बलता नष्ट हो जाती है।
• रात में गाजर को भूनकर छील लें तथा खुलें में रख दें। सुबह इसमें शक्कर और गुलाबजल मिलाकर खाने से बढ़ी हुई धड़कन सामान्य हो जाती है।
• 200 मिलीलीटर गाजर के रस में 100 मिलीलीटर पालक का रस मिलाकर पीने से हृदय के विभिन्न रोग ठीक हो जाते हैं।
12. हृदय रोग: 1 कप गाजर का रस 40 दिन तक रोगी को पिलाने से हृदय रोग ठीक हो जाता है।
13. निम्न रक्तचाप (निम्न ब्लड प्रेशर):
• गाजर खाने व गाजर का रस पीने से भी निम्न रक्तचाप में लाभ होता है।
• गाजर का रस 100 मिलीलीटर और पालक का रस मिलीलीटर ग्राम मिलाकर प्रतिदिन पीने से निम्न रक्तचाप (लो ब्लड प्रेशर) की शिकायत दूर होती है।
14. दाद:
• गाजर के टुकड़े करके उसे बारीक पीस लें। फिर इसमें सेंधा नमक डालकर सेंक लें और फिर गर्म-गर्म ही दाद लगाकर इस पर पट्टी बांध दें। इसकों बांधने से कुछ ही समय मे दाद से लाभ मिलता है।
• लगभग 180 मिलीलीटर गाजर का रस, 250 मिलीलीटर चुकन्दर का रस और 125 मिलीलीटर खीरा या ककड़ी के रस को मिलाकर पीने से दाद में लाभ होता है।
15. पीलिया:
• 250 मिलीलीटर गाजर के रस में 2-3 चम्मच शहद डालकर पीयें।
• पीलिया को ठीक करने के लिए गाजर प्राकृतिक औषधि के रूप में लाभकारी होती है। पीलिया से पीड़ित रोगी का उपचार करने के लिए गाजर का रस रोगी को प्रतिदिन सेवन कराने से लाभ मिलता है।
16. तुण्डिका शोथ (टांसिल): गाजर के रस में 2 चम्मच शहद या आधा चम्मच अदरक का रस मिलाकर पीने से टांसिल रोग ठीक हो जाता है।
17. शारीरिक सौन्दर्यता बढ़ाना: गाजर, कच्ची पत्तागोभी, टमाटर, ककड़ी, मूली आदि का सलाद भोजन के साथ खाने से शरीर की खूबसूरती बनी रहती है।
18. सिर का दर्द:
• गाजर के रस को गर्म करके दो बूंद कान में और दो-दो बूंद नाक के नथुनों में डालने से सिर का दर्द दूर हो जाता है।
• गाजर और चुकन्दर के रस में आधा नींबू निचोड़कर रात को सोते समय पीने से सिर का दर्द दूर हो जाता है।
• लगभग 200 मिलीलीटर गाजर का रस, 150 मिलीलीटर चुकन्दर का रस और 125 मिलीलीटर ककड़ी या खीरा के रस को पानी में मिलाकर पीने से सिर का दर्द खत्म हो जाता है।
19. चेहरे को साफ करना:
• आधा गिलास (लगभग 125 मिलीलीटर) गाजर का रस 15 से 20 दिन तक सुबह और शाम खाली पेट पीने से खून साफ हो जाता है और उसमें हेमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ जाती है जिसके फलस्वरूप चेहरा साफ हो जाता है।
• गाजर के रस से चेहरे को धोने से चेहरा साफ होता है। तेलीय त्वचा के लिए गाजर का रस बहुत ही लाभकारी होता है।
20. याददास्त कमजोर होना:
• 500 मिलीलीटर दूध में 125 मिलीलीटर गाजर का रस (जूस) मिलाकर सुबह बादाम खाने के बाद पीने से दिमागी कमजोरी दूर होती है जिसके फलस्वरूप याददाश्त भी बढ़ने लगती है।
• गाजर का हलवा 2 महीने तक लगातार खाने से याददास्त मजबूत होती है।
21. चेहरे की सुन्दरता : 30 मिलीलीटर गाजर, 20 मिलीलीटर टमाटर और 10 मिलीलीटर चुकन्दर के रस को निकालकर आधा गिलास रोजाना कम से कम 15 से 20 दिन तक लगातार पीने से चेहरे की झुर्रियां, छाया, दाग, मुंहासें मिट जाते हैं और चेहरा टमाटर की तरह लाल और सुन्दर हो जाता है। इन सबके स्थान पर केवल गाजर या संतरे का रस भी पिया जा सकता है। गाजर के रस को 15 से 20 दिन तक रोजाना 3 से 4 बार पीने से लाभ होता है। इसको पीने से 1 घंटा पहले और 1 घंटे के बाद कुछ खाना और पीना नहीं चाहिए। गाजर के रस को पीने से पेट के कीड़े भी मर जाते हैं और अम्लरोग भी ठीक हो जाता है।
22. कण्ठमाला: 300 मिलीलीटर गाजर का रस और 125 मिलीलीटर पालक के रस को मिलाकर पीने से कण्ठमाला रोग ठीक हो जाता है।
23. शरीर में सूजन:
• गाजर के 5 ग्राम बीजों को 250 मिलीलीटर पानी में उबालकर छानकर पीने से पेशाब आने के कारण होने वाली सूजन दूर हो जाती है।
• लगभग 1 से 3 ग्राम की मात्रा में गाजर के बीजों को पीसकर चूर्ण बना लें और सुबह और शाम को इस चूर्ण का सेवन करें। ऐसा करने से पेशाब खुलकर आता है, जिससे पूरे शरीर की सूजन ठीक हो जाती है।
• शरीर पर सूजन होने पर गाजर को कसकर या कुचलकर इसे गर्म करके सूजन वाले भाग पर बांधने से सूजन ठीक हो जाती है।
24. शारीरिक कमजोरी:
• कच्ची गाजर 250 ग्राम की मात्रा में खाने और ऊपर से लगभग 1 किलो जल पीने से शरीर में शक्ति बढ़ती है और शरीर भी मजबूत होता है।
• 1 गिलास गाजर का रस सुबह खाली पेट और शाम को रोजाना 2 बार पीने से लाभ मिलता है। इसे दूध में भी मिलाकर पिया जा सकता है। गाजर का मिश्रित रस दिन में 3 बार पीने से शारीरिक कमजोरी दूर होने लगती है।
• गाजर के हलवा के सेवन से कमजोरी दूर होती है और गुर्दे की कमजोरी भी दूर हो जाती है।
• गाजर, पीपर, आंवला, चौलाई, इमली, सेव, मूली के पत्ते और संतरा खाने से शरीर में खून की वृद्धि होती है।
• लगभग आधा गिलास (125 मिलीलीटर) की मात्रा में गाजर का रस रोजाना सुबह और शाम पीने से शरीर में होने वाले फोड़े फुन्सियां ठीक हो जाती है। इसके अलावा शरीर का खून भी साफ हो जाता है और शरीर का वजन बढ़ जाता है। इसका सेवन लगातार लगभग 15 या 20 दिनों तक करना चाहिए।
25. गले की गांठ: टॉन्सिलाइटिस (गले में गांठ) के रोग में गाजर का रस पीने से अधिक आराम मिलता है।
26. बांझपन: बांझ स्त्री को गाजर के बीजों की धूनी इस प्रकार दें कि उसका धुंआ रोगिणी की बच्चेदानी तक चला जाए। जलते हुए कोयले पर गाजर के बीज डालें। इससे धुंआ होने लगेगा। इसी धूनी को रोगिणी को दें तथा रोजाना उसे गाजर का रस पिलायें।
27. गर्भावस्था: गर्भावस्था में गाजर का रस पीते रहने से सैप्टिक रोग नहीं होता तथा शरीर में कैल्शियम की भी कमी नहीं रहती है। बच्चों को दूध पिलाने वाली माताओं को नियमित रूप से गाजर के रस का सेवन करना चाहिए। इससे उसके दूध की गुणवत्ता बढ़ती है।
28. दस्त:
• गाजर का सेवन करने से पुराने दस्त, अपच और संग्रहणी रोग ठीक हो जाते हैं। गाजर का अचार बनाकर सेवन करने से बढ़ी हुई तिल्ली कम हो जाती है।
• आधे कप गाजर के रस में थोड़ी-सा सेंधा नमक मिलाकर 1 दिन में लगभग 4 बार चाटने से दस्त ठीक हो जाता है।
29. यकृत रोग: यकृत के रोग से पीड़ित रोगी को गाजर का रस, गाजर का सूप या गाजर का गर्म काढ़ा सेवन कराने से लाभ मिलता है।
30. कैंसर: गाजर का रस पीने से कैंसर नष्ट हो जाता है। ल्यूकोमिया (ब्लड कैंसर) और पेट के कैंसर में यह अधिक लाभदायक होता है।
31. अम्लरक्त: अम्लरक्त के रोग में गाजर का रस पीने से लाभ मिलता है।
32. हृदय अधिक धड़कना: हृदय कमजोर होने पर रोजाना 2 बार गाजर का रस पीने से लाभ होता है। हृदय की धड़कन बढ़ना तथा शरीर का खून गाढ़ा होने पर गाजर का सेवन करने से लाभ मिलता है।
33. घी, तेल, चिकनी चीजों का न पचना: 300 मिलीलीटर गाजर का रस और 150 मिलीलीटर पालक का रस मिलाकर सेवन करने से घी, तेल और चिकनी चीजें पचने लगेगी।gajar ke fayde
34. बड़ी आंत की सूजन: बड़ी आंत में सूजन आ जाने पर रोग को ठीक करने के लिए 200 मिलीलीटर गाजर का रस, 150 मिलीलीटर चुकन्दर का रस और 150 मिलीलीटर खीरे का रस मिलाकर पीने से लाभ मिलेगा।
35. नाक और गले के रोग: 250 मिलीलीटर गाजर और पालक का रस रोजाना पीने से नाक और गले के रोग ठीक हो जाते हैं।
36. दांतों के रोग:
• 70 मिलीलीटर गाजर का रस रोजाना पीने से मसूढ़ों और दांतों में रोग पैदा नहीं होते और दांतों की जड़ें मजबूत हो जाती है।
• दांतों को मजबूत करने के लिए गाजर का रस रोजाना पीयें। इससे दांतों की जड़े मजबूत होते हैं तथा दांत का हिलना बंद हो जाता है।
37. सांस में दुर्गंध आना: गाजर, पालक और खीरे का रस बराबर मात्रा में मिलाकर पीने से सांस से बदबू नहीं आती है।
38. पेशाब में धातु का आना: 250 मिलीलीटर गाजर का रस रोजाना 3 बार पीने से पेशाब में धातु आना बंद हो जाता है।
39. खून में लाल कणों की कमी होना: 250 मिलीलीटर गाजर का रस और पालक का रस मिलाकर पियें। इससे शरीर के खून में लाल कणों की वृद्धि होती है तथा इसके साथ ही इसके सेवन से कई प्रकार के रक्त चाप, फोड़ा, गुर्दे के रोग जैसे पेशाब बूंद-बूंद आना, पेशाब कम होना, पेशाब में सफेद पदार्थ आना, सांस की नली में सूजन, कैंसर, मोतियाबिन्द, सर्दी, जुकाम, कंठमाला (घेंघा रोग) और बवासीर आदि रोग भी दूर हो जाते हैं।
40. पित्ताशय की पथरी:
• 250 मिलीलीटर गाजर का रस और सलाद के पत्तों का रस मिलाकर पीने से पथरी गलकर पेशाब के साथ बाहर निकल जाती है और रोगी को अधिक आराम मिलता है।
• गाजर का रस प्रतिदिन सुबह-शाम पीयें। इससे पित्ताशय में होने वाली पथरी गलकर पेशाब के रास्ते बाहर हो जाएगी।
• गाजर का रस पीने से पित्ताशय की पथरी कट-कट बाहर निकल जाती है और इसके पत्तों का सलाद इस रोग को ठीक करने के लिए उपयोग में ले सकते हैं।
41. गुर्दे की पथरी:
• गुर्दे की पथरी तथा मूत्राशय की सूजन को ठीक करने के लिए तथा गुर्दो की सफाई के लिए 150 मिलीलीटर गाजर, चुकन्दर, ककड़ी या खीरे का रस मिलाकर पीने से लाभ मिलता है। गुर्दे और मूत्राशय की पथरी को गाजर का रस तोड़कर पेशाब के रास्ते बाहर निकाल देता है।
• गाजर का रस रोजाना 3-4 बार पीने से पथरी निकल जाती है। गाजर के बीजों को पीसकर फंकी लेने से भी पथरी गलकर बाहर निकल जाती है।
• मोटी मूली को खोखला करके इसमें गाजर और शलगम के 1-1 चम्मच बीजों को भर दें। मूली के मुंह को बंद करके आग में भून लें। मूली से बीजों को निकालकर प्रतिदिन सुबह-शाम पानी के साथ 1 महीने तक खाने से पथरी का रोग ठीक होने लगता है।
• गाजर, मूली तथा शलगम का बीज 5-5 ग्राम को पीसकर चटनी बना लें। प्रतिदिन सुबह-शाम 3-3 ग्राम चटनी पानी के साथ 15 दिन तक लें। इससे पथरी गलकर निकल जाती है।
42. गुर्दे के रोग तथा सूजन: 2 चम्मच गाजर के बीज को 1 गिलास पानी में डालकर उबालकर पीने से पेशाब ज्यादा आता है जिसके फलस्वरूप गुर्दे के कई रोग ठीक हो जाता है और सूजन भी दूर हो जाती है।
43. रक्तस्राव: गाजर किसी भी अंग से बहने वाले खून बहने से रोकती है।
44. फोड़े-फुंसियां:
• फुंसियों पर बांधने से ये जल्दी ठीक होने लगते हैं। यह फोड़े- फुंसियों के जमे हुए खून को भी पिघला देती है।
• गाजर को उबालकर उसकी चटनी बना लें और फुंसियों पर लगाऐं इससे लाभ मिलेगा।
45. आग से जलना:
• कच्ची गाजर को पीसकर आग से जले हुए स्थान पर रखने से जलन नष्ट हो जाती है और पीब भी नहीं बनती है।
• आग से जल जाने पर जले हुए स्थान पर गाजर का रस लगाने से जख्म नहीं बनता तथा जलन व पीड़ा दूर हो जाती है।
• शरीर के जले हुए भाग पर कच्ची गाजर का रस बार-बार लगाने से लाभ होता है।
• आग से जले हुए व्यक्ति की जलन और दर्द को दूर करने के लिए गाजर को पीसकर लगाना चाहिये।
46. सीने का दर्द: गाजरों को उबालकर उसमें शहद मिलाकर सेवन करने से सीने का दर्द समाप्त हो जाता है।
47. घुटने का दर्द: गाजर का रस संधिवात और गठिया के रोग को ठीक करने में लाभकारी है। गाजर, ककड़ी और चुकन्दर का रस बराबर मात्रा में मिलाकर पीने से जल्दी लाभ होता है।
48. दिमागी थकान: रोजाना सुबह के समय 6-7 बादाम खाकर तथा इसके बाद 125 मिलीलीटर गाजर का रस व 500 मिलीलीटर गाय का दूध मिलाकर पीने से स्मरण शक्ति बढ़ती है जिसके फलस्वरूप दिमागी थकान भी दूर होती है।
49. कैंसर (कर्कट) रोग:
• 310 मिलीलीटर गाजर का रस, मिलीलीटर ग्राम पालक का रस मिलाकर प्रतिदिन 3 बार पीने या गाजर का रस दूध में मिलाकर पीने से कैंसर को ठीक होने लगता है।
• 1 गिलास गाजर के रस में 2 चम्मच शहद डालकर रोजाना सेवन करने से कैंसर रोग ठीक होने लगता है।
• गाजर का रस दूध में मिलाकर पीने से सिर दर्द, बुखार और कैंसर ठीक होने लगता है तथा खून में लाल कणों की कमी भी दूर हो जाती है।
• काली गाजर के रस का सेवन करने से ब्लाड कैंसर, पेट के कैंसर ठीक होता है।
50. आंत की सूजन : बड़ी आंत की सूजन को ठीक करने के लिए 180 मिलीलीटर गाजर का रस, 150 मिलीलीटर चुकन्दर का रस तथा 160 मिलीलीटर खीरे का रस मिलाकर पीने से लाभ मिलेगा।
51. बच्चों की दुर्बलता: कमजोर बच्चे को 2-3 चाय के चम्मच गाजर का रस रोजाना पिलाने से वे हष्ट-पुष्ट हो जाते हैं। स्वस्थ बच्चों को भी गाजर का रस पिलाने से बच्चे के शरीर में ताकत की वृद्धि होती है। जिन बच्चों को जन्म से ही गाजर का रस दिया जाता है। वे कभी बीमार नहीं पड़ते हैं। दूध के साथ गाजर का रस पिलाने से बच्चों का विकास तेजी से होता है।
52. मासिक-धर्म: यदि मासिक धर्म न आता हो तो 2 चम्मच गाजर के बीज और 1 चम्मच गुड़ को 1 गिलास पानी में उबालकर रोजाना सुबह-शाम दो बार गर्म-गर्म पियें तो इससे मासिकधर्म में होने वाला दर्द भी दूर हो जाता है।
53. शक्तिवर्द्धक: गाजर में विटामिन-ई पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है तथा इसका सेवन करने से शरीर में शक्ति की वृद्धि होती है।
54. कोष्ठबद्धता (कब्ज): गाजर के रस का रोजाना सेवन करने से कोष्ठबद्धता (कब्ज) दूर हो जाती है।
55. अल्सर: गाजर के 150 मिलीलीटर रस में 100 मिलीलीटर पालक का रस और 50 मिलीलीटर गोभी का रस मिलाकर पीने से अल्सर रोग ठीक हो जाता है।
56. खून की कमी (एनीमिया):
• शरीर में खून की कमी से पीड़ित रोगियों को 200 मिलीलीटर गाजर के रस में 100 मिलीलीटर पालक का रस मिलाकर पिलाने से अधिक लाभ मिलता है।
• 100 मिलीलीटर गाजर का रस और 30 मिलीलीटर चुकन्दर का रस मिलाकर प्रतिदिन पीयें। इससे शरीर में खून की कमी दूर होती है।
57. मानसिक तनाव: 250 मिलीलीटर गाजर का रस रोजाना पीने से मानसिक तनाव दूर होता है आफिसों में काम करने वाले स्त्री-पुरुषों, परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों और दूसरे मानसिक कार्य करने वालो को गाजर का रस लाभकारी है।
58. हिचकी: गाजर के रस 4-5 बूंद नाक के दोनों छेदों में डालें इससे हिचकी दूर होती है। हिचकी को दूर करने के लिए गाजर को पीसकर सूंघने से लाभ मिलता है।
59. दांतों के रोग: 70 मिलीलीटर गाजर का रस रोजाना पीने से मसूढ़ों और दांतों में रोग पैदा नहीं होता है इससे दांतों की जड़ें मजबूत होती है।
60. नपुंसकता:
• गाजर का हलवा रोज 100 ग्राम खाने से ओज वीर्य बढता है।
• रोज गाजर का रस 200 मिलीलीटर पीने से व्यक्ति वीर्यवान बनता है।
• गाजर का रस शहद के साथ लेने से वीर्य गाढ़ा होता है और नपुंसकता (नामर्दी) दूर होती है।
61. दमा (सांस का रोग):
• गाजर का रस 180 मिलीलीटर, चुकन्दर का रस 150 मिलीलीटर, खीरा या ककड़ी का रस 125 मिलीलीटर मिलाकर पीने से दमा में अधिक लाभ होता है। दमा रोग को ठीक करने के लिए गाजर अथवा इसका रस दोनों ही लाभकारी है।
• रोजाना एक गिलास गाजर का रस गर्म करके पीने से दमा रोग में आराम मिलता है।
• रोजाना सुबह और दोपहर को 1-1 गिलास गाजर का रस पीने से दमा रोग ठीक होने लगता है। इसका 10-15 दिनों तक प्रयोग करना चाहिए। लंबे समय तक गाजर का रस पीते रहने से शरीर को कभी भी हानि नहीं होती है।
62. बालों का सफेद होना:
• गाजर का रस रोजाना प्रयोग करने से बाल सफेद नहीं होते और जिसके सफेद बाल है वे काले भी होने लगते हैं।
• रोजाना गाजर का रस पीने से बाल काले और सून्दर तथा चमक्दार हो जाते हैं।
63. आंखों का रोग:
• गाजर का रस पीने से रतौंधी, दृष्टिहीनता और आंखो के दूसरे रोग समाप्त होते है। इसमे विटामिन `ए´ भी है।
• गाजर के रस मे पालक का रस मिला कर सेवन करने से मोतियाबिन्द मे लाभ होता है।
• आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिये गाजर का मुरब्बा खायें। इसका रोजाना सेवन करने से रतौंधी, मोतियाबिन्द और आंखों की सूजन आदि रोग नहीं होता है।
• लगभग 125 मिलीलीटर गाजर और खीरे का रस बराबर मात्रा में मिलाकर पीने से आंखों की रोशनी तेज हो जाती है।
• हरे पत्ते वाली सब्जियां और गाजर खाने से आंखों की रोशनी तेज होती है।
64. मोतियाबिन्द: लगभग 300 मिलीलीटर गाजर के रस मे 125 मिलीलीटर पालक का रस मिलाकर पीने से मोतियाबिन्द दूर हो जाती है।
65. रतौंधी (रात में न दिखाई देना):
• 200 मिलीलीटर गाजर का रस रोजाना पीने से शरीर में ताकत तो बढ़ती ही है साथ में रतौंधी के रोग से भी मुक्ति मिलती है।
• रतौंधी के रोग में गाजर का रस और दूध पीने से अधिक लाभ मिलता है।
66. सूखी खांसी: 300 मिलीलीटर गाजर का रस और 125 मिलीलीटर पालक का रस मिलाकर पीने से श्वांस (सांस) नली की सूजन (ब्रोंकाइटिस) में बहुत अधिक लाभ मिलता है। गाजर सूखी खांसी को ठीक करने में बहुत अधिक उपयोगी है।Carrot Juice ke fayde
67. गैस्ट्रिक अल्सर:
• गाजर के रस को शहद के साथ रोजाना दिन में तीन बार पीने से पक्काशय में होने वाले घाव ठीक हो जाते हैं।
• गाजर का रस पीने से वमन (उल्टी) ठीक हो जाती है।
• गाजर का रस में किशमिश का रस मिलाकर पीने से आराम मिलता है।
68. कब्ज:
• गाजर, मूली, प्याज, टमाटर, खीरा, व चुंकदर का सलाद बनाकर इसमें नींबू का रस और सेंधा नमक मिलाकर सेवन करने से कब्ज़ (कोष्ठबद्धता) में लाभ होता है।
• गाजर या संतरे के 200 मिलीलीटर रस को दिन में 2-3 बार पीने से कब्ज़ (कोष्ठबद्धता) मिटती है।
• कच्ची गाजर 250 ग्राम को रोजाना खाली पेट खाने से कब्ज नहीं होती है तथा भूख अच्छी तरह लगती है।
• गाजर व हरड़ का मुरब्बा खाने से पेट में गैस नहीं रूक पाती है।
69. स्तन में दूध की कमी:
• दूध पिलाने वाली माताओं को गाजर का रस पिलाने से उनके स्तनों में दूध कमी दूर हो जाती है।
• गाजर का रस तथा भोजन के साथ कच्चे प्याज का सेवन करने से स्तनों में दूध की वृद्धि होती है।
70. मसूढ़ों का रोग:- 70 मिलीलीटर गाजर का रस प्रतिदिन सुबह-शाम पीने से मसूढ़ों का रोग ठीक हो जाता है।
71. सिर की रूसी: गाजर को कुचलकर बालों की जड़ों और माथे पर रगड़ने से रूसी मिट जाती है।
72. वमन (उल्टी): गाजर के रस में शहद मिलाकर पीने से खून की उल्टी आना बंद हो जाती है।
73. गर्भ में मरे हुए बच्चे का दोष दूर करना:
• गाजर के बीजों की धूनी को योनि में देने से गर्भ में मरे हुए बच्चे से उत्पन्न दोष (विकार) नष्ट हो जाते हैं।
• गाजर के बीज और कबूतर की विष्टा को आग में डालकर योनि में धुंआ देने तथा सांप की केंचुली की धुंआ देने से मरा हुआ बच्चा गर्भ से बाहर निकल जाता है।
74. पेट में गैस का बनना:
• गाजर का रस एक कप, शहद 2 चम्मच की मात्रा में तथा थोड़ी-सी मात्रा में काला नमक मिलाकर खाने से आराम मिलता है।
• आधा कप गाजर का रस और 2 चम्मच पत्ता गोभी का रस मिलाकर सेवन करने से पेट का गैस दूर हो जाती है।
75. गर्भावस्था की कमजोरी: आधा गिलास गाजर का रस, आधा गिलास दूध व स्वादानुसार शहद मिलाकर प्रतिदिन पीने से गर्भावस्था की कमजोरी दूर होती है।
76. जुकाम: लगभग 125 मिलीलीटर पालक का रस और 300 मिलीलीटर गाजर के रस को एक साथ मिलाकर पीने से सर्दी और जुकाम ठीक हो जाता है।
77. गले के रोग: गाजर का रस पीने से कंठशूल (गले मे सूजन), स्वरभंग (आवाज का खराब होना) तालुमूल प्रदाह (तालू में जलन) रोग दूर होते हैं।
78. मुंह की बदबू: गाजर का रस पीने से पाचन संस्थान मजबूत होता है जिसके फलस्वरूप मुंह की बदबू दूर होती है। इसके सेवन से पेट के विशैले कीटाणु भी नष्ट हो जाते हैं जिससे मल में बदबू भी नहीं आती है।
79. मूत्र के साथ खून का आना: पेशाब के साथ खून आने पर गाजर के बीज का चूर्ण सुबह-शाम 1 से 3 ग्राम लें इससे फायदा लाभ मिलेगा।
80. बवासीर (अर्श):
• गाजर और पालक का रस निकालकर प्रतिदिन सुबह-शाम पीने से अर्श (बवासीर) रोग ठीक होता है।
• कच्चा गाजर खाने अथवा गाजर का रस पीने से बवासीर ठीक होता है।
• गाजर का रस 2 कप तथा पालक का रस 1 कप निकालकर दोनों को मिलाकर 20 दिन तक प्रतिदिन सुबह-शाम पीने से सभी प्रकार के बवासीर ठीक होते हैं।

Kela Khane Ke Fayde-केले के फायदे

पका केला स्वादिष्ट, भूख बढ़ानेवाला, शीतल, पुष्टिकारक, मांस एवं वीर्यवर्धक, भूख-प्यास को मिटानेवाला तथा नेत्ररोग एवं प्रमेह में हितकर है |

 केला (kela)हड्डियों और दाँतों को मजबूती प्रदान करता है | छोटे बच्चों के शाररिक व बौद्धिक विकास के लिए केला अत्यंत गुणकारी है |

एक पका केला रोजाना खिलाने से बच्चों का सुखा रोग मिटता है |

यह शरीर व धातु की दुर्बलता दूर करता है, शरीर को स्फूर्तिवान तथा त्वचा को कांतिमय बनाता है और रोगप्रतिरोधक क्षमता भी बढाता है |

 केला अन्न को पचाने में सहायक है | भोजन के साथ १-२ पके केले प्रतिदिन खाने से भूख बढती है |

 खून की कमी को दूर करने तथा वजन बढ़ाने के लिए केला विशेष लाभाकरी है |

विभिन्न रोगों में केले (kele) से उपचार:
1. सूजन: समस्त प्रकार की सूजन में केला लाभकारी होता है।
2. चोट या रगड़ लगना: चोट या रगड़ लगने पर केले के छिलके को उस स्थान पर बांधने से सूजन नहीं बढ़ती। पका हुआ केला और गेहूं का आटा पानी में मिलाकर गर्म करके लेप करें।
3. गैस्ट्रिक अल्सर:
• गैस्टिक अल्सर के रोग से पीड़ित रोगी को दूध और केला एक साथ खाना चाहिए।
• केले को खाने से आंतों की सूजन, आमाशय का जख्म, जठरशोथ, कोलिटिस की सूजन और अतिसार आदि की बीमारियों में लाभ मिलता है।
• केला और दूध को सेवन करने से पेट के अल्सर में लाभ मिलता है।
4. हृदय का दर्द: 2 केले 15 ग्राम शहद के साथ मिलाकर खाने से हृदय का दर्द ठीक होता है।
5. मिट्टी खाना: अगर बच्चे को मिट्टी खाने की आदत हो तो पका हुआ केला(kela) शहद में मिलाकर खिलाना चाहिए। इसके सेवन से मिट्टी खाने की आदत छूट जाती है।
6. दाद, खाज: केले के गूदे को नींबू के रस में पीस लें और दाद, खाज व खुजली में लगाएं। इससे दाद, खाज, खुजली दूर होती है।
7. पेट का दर्द: किसी भी प्रकार के पेट दर्द में केला खाना लाभकारी होता है। केला बच्चों और दुर्बल लोगों के लिएं पोषक आहार है। दस्त, पेट का दर्द और आमाशय व्रण में भोजन के रूप में केला खाना लाभकारी होता है।
8. दस्त:
• 2 केला लगभग 100 ग्राम दही के साथ कुछ दिन तक खाने से दस्त व पेचिश को ठीक करता है।
• केले के पेड़ के तने को पीसकर, 20 से 40 मिलीलीटर की मात्रा में रस निकालकर पीने से दस्तों का बार-बार आना बंद होता है।
• कच्चे केले को उबालकर रोटी बनाकर अरूआ के भरते के साथ खाने से पुराना अतिसार रोग ठीक होता है।
• केले और थोड़ा सा केसर दही में मिलाकर खाने से लाभ मिलता हैं।
9. मुंह के छाले: जीभ पर छाले होने पर एक केला गाय के दही के साथ सुबह के समय सेवन करने से लाभ होता है।
10. आग से जल जाना: आग से जल जाने पर केले को पीसकर लगाना लाभकारी होता है।
11. नाक से खून आना: 1 गिलास दूध में चीनी मिलाकर 2 केले के साथ प्रतिदिन 10 दिनों तक खाने से नाक से खून आना बंद होता है।
12. पेशाब का रुक जाना:
• केले के तने का रस 4 चम्मच और घी 2 चम्मच मिलाकर पीने से बंद हुआ पेशाब खुलकर आता है। इसके सेवन से पेशाब तुरंत आ जाता है।
• केले की जड़ के बीच के भाग वाले गूदे को पीसकर पेट के नाभि के नीचे तक लेप करने से बंद पेशाब खुलकर आने लगता है।
• एक पका केला खाकर आंवले के रस में चीनी मिलाकर पीने से पेशाब की रुकावट दूर होती है।
• केले के तने का रस गाय के मूत्र में मिलाकर पीने से पेशाब खुलकर आता है।
13. पेशाब का बार-बार आना:
• प्रतिदिन खाना खाने के बाद दो पके केले खाने से पेशाब का बार-बार आना बंद होता है।
• पका केला और आंवले का रस मीठे दूध के साथ सेवन करने से मूत्र रोग ठीक होता है।
• पका हुआ केला, अमलतास, विदारीकन्द तथा शतावर को पीसकर दूध के साथ खाने से पेशाब का बार-बार आना बंद होता है।
• पका हुआ 2 केला, एक चम्मच आंवले का रस और 10 ग्राम मिश्री मिलाकर 4 से 5 दिनों तक पीने से बार-बार पेशाब आना रोग ठीक होता है।
14. उच्च रक्तचाप:
• केले में पोटैशियम की अधिकता के कारण यह उच्च रक्तचाप के रोगियों के लिए विशेष लाभकारी होता है। केला खाने से उच्च रक्तचाप सामान्य बना रहता है।
• प्रतिदिन एक पका केला खाली पेट खाने और ऊपर से इलायची के दो दाने चबाने से उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) सामान्य बनता है।
15. आन्त्रज्वर (टायफाइड): आन्त्रज्वर से पीड़ित रोगी को के लिए केला एक अच्छा भोजन है। इससे प्यास कम लगती है।
16. पित्त रोग: पका केला घी के साथ खाने से पित्त रोग मिटता है।
17. हिचकी:
• जंगली कदली केले के पत्ते की राख 1 ग्राम को 10 ग्राम शहद में मिलाकर चाटने से हिचकी आनी बंद होती है।
• 3 ग्राम केले की जड़ को पानी के साथ घिसकर उसमें चीनी या मिश्री मिलाकर सेवन करने से हिचकी नहीं आती है।
18. पेडू़: कदली के पेड़ के गर्भ का रस निकालकर पीने से पेडू में पहुंचे हुए जहर दूर हो जाते है।
19. जलन: केले और कमल के पत्तों पर सोने से शरीर की जलन शांत होती है।
20. पेचिश: केले को नींबू के साथ खाने से पेचिश रोग मिटता है और आहार शीघ्र ही पचता है। केले में दही मिलाकर खाने से पेचिश और दस्तों में लाभ होता है।
21. प्रदर: पके केले(kele), आंवलों का रस और शर्करा इकट्ठा कर स्त्रियों को पिलाने से प्रदर और बहुमूत्र मिटता है।
22. कमजोरी: खाना खाने के बाद तीन महीने तक केला खाने से कमजोरी दूर होती है।
23. धातु (वीर्य) रोग: 1 पका केला 5 ग्राम घी के साथ सुबह-शाम 1 सप्ताह तक खाने से धातु के रोग खत्म होते है। अगर ठंडा लगे तो उसमें 4-5 शहद की बूंद मिला लें।
24. प्रमेह: कच्चे केले को सुखाकर चूर्ण बना लें 5 ग्राम के साथ रोज खाने से प्रमेह में बहुत लाभ होता है।
25. श्वास रोग (दमा):
• कदली केले के पेड़ का केसरयुक्त हिस्सा कुतरकर उसमें रात के समय कालीमिर्च भर दें। सुबह के समय इसे घी में तलकर खाने से श्वास रोग जल्दी ठीक होता है।
• श्वास रोग (दमा) में केले के तने का रस कालीमिर्च के साथ मिलाकर 20 से 40 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम देने से लाभ मिलता है।
• 28 मिलीमीटर केले के पिण्ड के ताजा रस को 28 दूब के रस में मिलाकर 41 दिनों तक लगातार लेते रहने से भयंकर से भयंकर दमा भी ठीक होता है।
• केले के तने का रस असाध्य रोग दमा को भी दूर करने में सहायक होता है। यह ध्यान रखें कि केले का रस जब दिया जाए तो खाने में केवल दूध, भात ही देना चाहिए।
• दमे के रोगियों को केला कम खाना चाहिए। ध्यान रखना चाहिए कि केला खाने से दमा बढ़ता हुआ जाए तो केला नहीं खाना चाहिए।
26. काली खांसी: केले के सूखे पत्तों को जलाकर राख बना लें। इस राख को लगभग 6 मिलीग्राम शहद में मिलाकर रोगी को दिन में 3-4 बार देने से काली खांसी दूर होती है।
27. पुरानी खांसी: केला का शर्बत 2-2 चम्मच एक-एक घंटे के अंतर पर पीने से पुरानी खांसी में बहुत अधिक लाभ मिलता है।
28. खांसी:
• क्षय रोग में खांसी का प्रकोप होने पर 20 ग्राम केले के तने का रस दूध में मिलाकर पीने से बहुत लाभ मिलता है। दिन में 3-4 बार पीने पर बलगम में खून आना भी बंद होता है।
• केले का छिलका जलाकर उसकी राख बनाकर रख लें। आधे ग्राम की मात्रा में यह राख शहद के साथ मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से पुरानी सूखी खांसी ठीक होती है।
• केले के फूलों का रस निकालकर उसका 10 से 20 ग्राम शर्बत बनाकर उसमें मिश्री या चीनी मिलाकर सुबह-शाम पीने से खांसी में लाभ मिलता है।
• केले के पत्तों की राख में नमक मिलाकर सेवन करने से खांसी का रोग दूर होता है।
• 2-2 चम्मच केले का शर्बत हर 1-1 घंटे के बाद पीने से पुरानी खांसी समाप्त होती है।
• केले के पत्तों को जलाकर उसकी राख को पीसकर शीशी में रख लें। इसमें से 2 चुटकी या आधा चम्मच राख सुबह-शाम शहद के साथ सेवन करने से खांसी से आसानी से छुटकारा मिल जाता है।
• कले के सूखे पत्तों को मिट्टी के बर्तन में रखकर आग पर गर्म करके राख बना लें। उस राख को पीसकर रख लें। लगभग आधा ग्राम राख को शहद के साथ मिलाकर चाटने से खांसी के रोग में आराम आता है।
29. गंजेपन : केले के गूदे को नींबू के रस के साथ पीसकर सिर पर लगाने से गंजेपन का रोग दूर है।
30. रतौंधी (रात में दिखाई न देना): केले के पत्तों का रस आंखों में लगाने से रतौंधी रोग समाप्त होता है।
31. अतिझुधा भस्मक रोग:
• पका केला 50 ग्राम घी मिलाकर प्रतिदिन सेवन करने से भस्मक रोग मिटता है।
• पके हुए केले पर्याप्त मात्रा में खाने से भस्मक रोग मिट जाता है।
32. वमन (उल्टी):
• पका हुआ केला खाने से खून की उल्टी आनी बंद होती है।
• 5 ग्राम केले के रस में थोड़ा सा शहद मिलाकर पीने से लाभ मिलता है।
33. कब्ज (कोष्ठबद्वता):
• केले का गूदा, केले का फूल, गूलर, कच्चू और ओल खाने से कब्ज़ मिटती है।
• पका केला खाने से कब्ज दूर होती है।
34. खून की उल्टी: मुलायम केला खाने से खून की उल्टी दूर होती है।
35. मुंह के छाले: मुंह में छाले होने पर प्रतिदिन सुबह 2 केले दही के साथ खाएं। इससे छाले व जीभ के दाने ठीक होते हैं।
36. कान का बहना: केले के पत्तों का रस समुद्रफेन में मिलाकर कान में डालने से कान से मवाद बहना ठीक होता है।
37. मासिकधर्म सम्बंधी परेशानियां: केले के तने को कुचलकर उसका चार चम्मच रस निकालकर 7-8 दिनों तक खाली पेट लेने से रुका हुआ मासिकधर्म नियमित होता है।
38. कान की सूजन: लगभग 20 से 40 मिलीलीटर केले का रस सुबह-शाम पीने से कान की सूजन दूर होती है।
39. आंवरक्त (पेचिश):
• पेचिश के रोगी को केले की रोटी बनाकर खाना खिलाना चाहिए। इसे दस्त में आंव व खून आना बंद होता है।
• केले को मसलकर उसमें जीरा और नमक मिलाकर खाने से पेचिश का रोग ठीक होता है।
• चने के सत्तू में पका हुआ केला मिलकर खाने से 2 से 3 दिनों में पेचिश का रोग ठीक होता है।
• केला को दही में मिलाकर खाने से पेचिश के रोगी को रोग दूर होता है।
40. आहारनली की जलन: केला का रस 20 से 40 मिलीलीटर तक सुबह-शाम कालीमिर्च के साथ देने से लाभ होता है।
41. अग्निमांद्य: आधे पेट खाना खाने के बाद 3 पके केला खाने से पाचनशक्ति मजबूत होती है।
42. यकृत (जिगर) वृद्धि: एक कच्चा केला व पपीता दूध की 7-8 बूंद मिलाकर खाना खाने के बाद सेवन करने से यकृत (जिगर) का बढ़ना ठीक होता है।
43. घाव:
• केले के छिलके को पीसकर घाव पर लगाने से घाव ठीक होता है।
• केले के कोमल पत्ते को जख्म पर बांधने से आराम मिलता है।
44. प्रदर रोग:
• पके केले पर छोटी इलायची को रखकर सेवन करने से प्रदर की बीमारी मिटती है।
• पके केले को आंवले के रस में मिलाकर चीनी या मिश्री के साथ खाने से प्रदर रोग और बहुमूत्र (पेशाब का बार-बार आना) रोग में आराम मिलता है।
• केले को शुद्ध देशी घी में भूनकर खाने से प्रदर रोग ठीक होता है।
• खाना-खाने के बाद 2 केला खाकर ऊपर से एक गिलास शहद मिला गर्म दूध पीने से प्रदर रोग में फायदा होता है।
• केले को दूध में खीर बनाकर खाने से श्वेत प्रदर रोग समाप्त होता है।
• पका केला 10 ग्राम, 10 ग्राम विदारीकन्द और शतावर 10 ग्राम। पहले विदारीकन्द और शतावर को कूटकर चूर्ण बना लें और फिर इसमें पका केला मिलाकर 5-5 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम ताजे पानी के साथ सेवन करें। इससे प्रदर रोग में लाभ मिलता है।
• 2 पके हुऐ केले को चीनी के साथ कुछ दिनों तक प्रतिदिन खाने से स्त्रियों को होने वाला प्रदर रोग में आराम मिलता है।
• केले के पत्ते को पीसकर दूध में खीर बनाकर खाने से प्रदर रोग मिटता है।
• केले के पत्ते और बांस के पत्ते पीसकर शहद में मिलाकर खाने से प्रदर में अधिक खून का जाना कम होता है।
• पके केले को घी के साथ खाने से श्वेत प्रदर में फायदा होता है।
• 20-40 मिलीलीटर केले के तने का रस सुबह-शाम सेवन करने से प्रदर रोग मिट जाता है।
• पका केला, आंवले का रस और चीनी को एक साथ मिलाकर लेने से प्रदर और बहुमूत्र रोग ठीक होता है।
• केले के कोमल पत्ते को बारीक पीसकर, दूध में डालकर खीर बनाकर खाने से प्रदर (रक्तस्राव) रोग ठीक होता है।
45. श्वेत प्रदर: 2 पके हुऐ केले को चीनी के साथ कुछ दिनों तक प्रतिदिन खाने से स्त्रियों को होने वाला प्रदर (ल्यूकोरिया) में आराम मिलता है।
46. आंतों का घाव:
• केले में अम्ल कम होने के करण इसमें घाव को भरने की शक्ति होती है। प्रतिदिन 3 केला भोजन करने के बाद खाने से आंतों का घाव ठीक होता है।
• केले का रस 20 से 40 ग्राम और कालीमिर्च मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से अमाशय की जलन व घाव समाप्त होती है।
47. जी मिचलाना, अम्लपित्त (खट्टी डकारें):
• केले पर चीनी और इलायची डालकर खाने से खट्टी डकारें आनी बंद होती हैं।
• केले के तने या फल का रस 20 से 40 मिलीलीटर को कालीमिर्च के साथ मिलाकर सुबह-शाम खाने से अम्लपित्त का रोग ठीक होता है।
• यदि पेट से जलन शुरू होकर गले तक फैलता हो तो 2 केले चीनी व इलायची मिलाकर खाना चाहिए। इससे अम्लपित्त (खट्टी डकारें) का रोग ठीक होता है।
48. प्रसव का कष्ट:
• केले की गांठ को गर्भवती स्त्री की कमर पर बांधने से प्रसव का कष्ट दूर होता है और बच्चे का जन्म आसानी से होता है। ध्यान रखे कि प्रसव और जेर (नाल, खेड़ी) के निकलते ही गांठ को खोलकर फेक दें।
• केले के ऊपर कपूर का चूर्ण डालकर खाने से प्रसव में दर्द कम होता है।
49. कफ: कफ अधिक बनने पर केला और शहतूत खाना लाभदायक होता है।
50. प्यास अधिक लगना: गला सूखने व प्यास कम करने के लिए 2-2 केले प्रतिदिन 3 बार खाना चाहिए। इससे किसी भी कारण से अधिक प्यास का लगना बंद होता है।
51. जलोदर (पेट में पानी भरना): केले का रस 20 से 40 मिलीलीटर की मात्रा में सेवन करने से लाभ होता है।
52. पित्त बढ़ने पर: पित्त बढ़ने पर या पित्त से सम्बंधित बीमारी में केले के तने का रस 20 से 40 मिलीलीटर सुबह-शाम लेने से लाभ मिलता है।
53. रक्तप्रदर:
• मासिकधर्म का अधिक आना या रक्तप्रदर होने पर केले के फूलों का 10 से 20 मिलीलीटर रस को दही में मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से बहुत लाभ मिलता है।
• 10 मिलीलीटर केले की जड़ का रस प्रतिदिन सेवन करने से रक्तप्रदर में आराम मिलता
54. मधुमेह के रोग:
• कच्चे केले के टुकडे़ करके उसे सुखा लें और उसे कूटकर चूर्ण बनाकर बोतल में भर लें। यह चूर्ण 1 चम्मच फीके गाय के दूध के साथ सेवन करें। इससे मधुमेह में लाभ मिलता है।
• यदि मधुमेह के रोगी को बार-बार पेशाब लगता हो तो उसके लिए केला खाना बहुत फायदेमंद होता है।
55. शीतपित्त: केले के तने का रस 20 से 40 मिलीलीटर सुबह-शाम पीने से शीतपित्त में लाभ होता है।
56. पित्त की पथरी:
• कदली का रस और तिल का तेल 240-240 मिलीग्राम की मात्रा में शहद में मिलाकर प्रतिदिन 3 से 4 बार खाने से सभी प्रकार की पथरी खत्म होती है।
• केले के तने के रस में थोड़ी-सी मिश्री मिलाकर पीने से कुछ दिनों में पथरी गलकर निकल जाती है।
• केले के तने का रस 30 मिलीलीटर और कलमी शोरा 25 ग्राम को दूध में मिलाकर पीने से पथरी नष्ट होती है।
57. पेट का दर्द:
• केले के रस में कालानमक मिलाकर खाने से पेट का दर्द तुरंत बंद हो जाता है।
• केले को शहद के साथ दिन में 2 बार खाने से पेट का दर्द शांत होता है।
58. पेट के कीड़े: कच्चे केले की सब्जी प्रतिदिन 7 से 8 दिन तक सेवन करने से पेट के कीड़े मर जाते है।
59. रक्तपित्त:
• केले के फूलों की सब्जी बनाकर खाने से रक्तपित्त में लाभ मिलता है।
• केले के फलों का रस 20 से 40 मिलीलीटर की मात्रा में सुबह-शाम खाने से रक्तपित्त ठीक होता है।
60. नाक से खून आना:
• केले के तने का रस सूंघने से नकसीर फूटना (नाक से खून बहना) बंद होता है।
• केले और दूध को लगातार 4-5 दिन तक खाने से नकसीर (नाक से खून बहना) ठीक होता है।
61. उपदंश: केले का रस 20 से 40 मिलीलीटर प्रतिदिन खाने से उपदंश में लाभ मिलता है।
62. चेहरे की झांई: एक केला लेकर उसका गूदा अच्छी तरह से मसलकर लसलसा बनाकर उसके अन्दर 2 चम्मच गुलाबजल, 2 बूंद खसखस का रस व 4 बूंद ग्लिसरीन की मिलाकर एक साफ शीशी में भरकर रख लें। अगर त्वचा सूख गई हो तो मेकअप करने से पहले चेहरे पर क्रीम की तरह इसे लगाएं और सूख जाने के बाद इसे गुनगुने पानी से धो लें। इस फेस पैक को 7 से 20 दिन तक बनाकर रखा जा सकता है।
63. चेचक: केले के बीजों का चूर्ण बनाकर शहद में मिलाकर पीने से चेचक का रोग जल्दी ठीक होता है और दूसरे लोगों को भी चेचक होने का डर नहीं रहता।
64. एक्जिमा (पामा): पके केले के गूदे में नींबू का रस मिलाकर त्वचा पर लगाने से दाद, खाज, खुजली और एक्जिमा ठीक होता है।
65. गुल्यवायु (हिस्टीरिया): लगभग 10 से 20 मिलीलीटर केले के फलों का रस सुबह-शाम सेवन करने से हिस्टीरिया रोग में मिर्गी के समान दौरे पड़ना ठीक होता है।
66. टी.बी:
• केले के तने का रस निकालकर एक कप की मात्रा में प्रतिदिन सेवन करने से 40 दिनों में टी.बी. का रोग शांत होता है।
• केले के तने का ताजा रस या कच्चा केला का प्रयोग करना टी.बी. रोग के लिए बेहद लाभकारी होता है।
• क्षय (टी.बी.) रोग से पीड़ित रोगी में कष्टदायक खांसी, बलगम आना, रात को अधिक पसीना आना, तेज बुखार होना, दस्त रोग, भूख न लगना, वजन का कम होना आदि रोग भी हो तो रोगी को केले के मोटे तने के टुकड़े का रस निकालकर 1-2 कप रस हर दो घंटे घूंट-घूंट करके पीएं। इस तरह 2 महीने तक सेवन करने से टी.बी. का रोग ठीक होता है। केले का रस हर 24 घंटे के बाद ताजा ही निकालना चाहिए। 8-10 केले के पत्ते 200 मिलीलीटर पानी में डालकर पड़ा रहने दें। इस पानी को छानकर एक बड़ा चम्मच दिन में तीन बार पीना चाहिए इससे फेफड़ों में जमी गाढ़ी बलगम पतली होकर निकल जाती है। केले के पत्ते का रस मीठा में मिलाकर टी.बी. के रोगी को पिलाते रहने से भी उसके फेफड़ों के घाव भर जाते हैं। बलगम कम होता है और फेफड़ों के घाव भर जाते है। बलगम कम हो जाती है और फेफड़ों से खून आना रुक जाता है। केले के तने न हो तो केले के पत्तों का रस इसी प्रकार काम में ले सकते हैं।
67. पीलिया:
• खाने वाला चूना एक ग्राम को एक केले में रखकर प्रतिदिन भूखे पेट खाने से कुछ दिनों ही पीलिया रोग ठीक होता है।
• पका हुआ केला और शहद मिलाकर खाने से पीलिया रोग ठीक होता है।
68. मिर्गी (अपस्मार): 10 से 20 मिलीलीटर केले का जूस प्रतिदिन सुबह-शाम सेवन करने से मिर्गी रोग ठीक होता है।
69. फीलपांव (गजचर्म): केले के पेड़ का रस 20 से 40 मिलीलीटर की मात्रा में सेवन करने से फीलपांव के रोगी को लाभ मिलता है।
70. सफेद दाग: केले के पत्ते को जलाकर बिल्कुल राख बना लें और इसमें थोड़ा सा मुर्दा शंख पीसकर मिला लें। इसे तिल्ली के तेल में मिलाकर सफेद दाग पर लगाने से दाग मिटता है।

Tuesday, March 6, 2018

Facts about Indian National Flag

1. क्या आप जानते हैं कि देश में ‘फ्लैग कोड ऑफ इंडिया’ (भारतीय ध्वज संहिता) नाम का एक कानून है, जिसमें तिरंगे को फहराने के कुछ नियम-कायदे निर्धारित किए गए हैं।


2. यदि कोई शख्स ‘फ्लैग कोड ऑफ इंडिया’ के तहत गलत तरीके से तिरंगा फहराने का दोषी पाया जाता है तो उसे जेल भी हो सकती है। इसकी अवधि तीन साल तक बढ़ाई जा सकती है या जुर्माना लगाया जा सकता है या दोनों भी हो सकते हैं।

3. तिरंगा हमेशा कॉटन, सिल्क या फिर खादी का ही होना चाहिए।  प्लास्टिक का झंडा बनाने की मनाही है।

4. किसी भी स्तिथि में फटे या क्षतिग्रस्त झंडे को नहीं फहराया जा सकता है।

5. तिरंगे का निर्माण हमेशा रेक्टेंगल शेप में ही होगा। जिसका अनुपात 3 : 2 ही होना चाहिए।

6. झंडे का यूज़ किसी भी प्रकार के यूनिफॉर्म या सजावट के सामान में नहीं हो सकता।

7. झंडे पर कुछ भी बनाना या लिखना गैरकानूनी है।

8. किसी भी गाड़ी के पीछे, बोट या प्लेन में तिरंगा यूज़ नहीं किया जा सकता है।  इसका प्रयोग किसी बिल्डिंग को ढकने में भी नहीं किया जा सकता है।

9. किसी भी स्तिथि में झंडा (तिरंगा) जमीन पर टच नहीं होना चाहिए।

10. जब झंडा फट जाए या मैला हो जाए तो उसे एकांत में पूरा नष्ट किया जाए।

11. झंडा केवल राष्ट्रीय शोक के अवसर पर ही आधा झुका रहता है।

12. किसी भी दूसरे झंडे को राष्ट्रीय झंडे से ऊंचा या ऊपर नहीं लगा सकते और न ही बराबर रख सकते है।

13. जब तिरंगा फट जाए या रंग उड़ जाए तो इसे फहराया नहीं जा सकता। ऐसा करना राष्ट्रध्वज का अपमान करने वाला अपराध माना जाता है।

14. जब तिरंगा फट जाता है तब इसे गोपनीय तरीके से सम्मान के साथ जला दिया जाता है या पवित्र नदी में जल समाधि दे दी जाती है।

15. शहीदों के पार्थिव शरीर से उतारे गए झंडे को भी गोपनीय तरीके से सम्मान के साथ जला दिया जाता है या नदी में जल समाधि दी जाती है।

16. सबसे पहले लाल, पीले व हरे रंग की हॉरिजॉन्टल पट्टियों पर बने झंडे को 7 अगस्त 1906 को पारसी बागान चौक (ग्रीन पार्क), कोलकाता में फहराया गया था।

17. भारत के राष्ट्रीय ध्वज को पिंगली वैंकेया ने डिज़ाइन किया था।

18. अभी जो तिरंगा फहराया जाता है उसे 22 जुलाई 1947 को अपनाया गया था। इससे पहले इसमें 6 बार बदलाव किया गया था।

19. 3 हिस्से से बने झंडे में सबसे ऊपर केसरिया, बीच में सफ़ेद और नीचे हरे रंग की एक बराबर पट्टियां होती है। झंडे की चौड़ाई और लंबाई का अनुपात 2 और 3 का होता है।

21. सफ़ेद पट्टी के बीच में गहरे नीले रंग का एक चक्र होता है।  इसका व्यास लगभग सफ़ेद पट्टी की चौड़ाई के बराबर होता है और इसमें 24 तिलियां बनी होती हैं।

22. 22 जुलाई 1947 से पहले तिरंगे के बीच में चक्र की जगह पर चरखा होता था।  इस झंडे को 1931 में अपनाया गया था।

23. 26 जनवरी 2002 को भारतीय ध्वज संहिता में एमेंडमेंट किया गया।  इसके बाद लोगों को अपने घरों और ऑफिस में आम दिनों में तिरंगा फहराने की अनुमति मिल गई।

24. झारखंड की राजधानी रांची में 23 जनवरी 2016 को सबसे ऊंचा तिरंगा फहराया गया।  66*99 साइज के इस तिरंगे को जमीन से 493 फ़ीट ऊँचाई पर फहराया गया।

25. राष्ट्रपति भवन के म्यूज़ियम में एक छोटा तिरंगा रखा हुआ है, जिसे सोने के स्तंभ पर हीरे-जवाहरातों से जड़ कर बनाया गया है।

26. भारत में बैंगलुरू से 420 किमी स्थित ”’हुबली”’ एक मात्र लाइसेंस प्राप्त संस्थान है जो झंडा बनाने का और सप्लाई करने का काम करता है।

27. 29 मई 1953 में भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा सबसे ऊंची पर्वत की चोटी माउंट एवरेस्ट पर यूनियन जैक तथा नेपाली राष्ट्रीय ध्वज के साथ फहराता नजर आया था इस समय शेरपा तेनजिंग और एडमंड माउंट हिलेरी ने एवरेस्ट फतह की थी।

28. पहली बार 21 अप्रैल 1996 के दिन स्क्वाड्रन लीडर संजय थापर ने तिरंगे की शान बढाते हुए एम. आई.-8 हेलिकॉप्टर से 10000 फीट की ऊंचाई से कूदकर देश के झंडे को उत्तरी ध्रुव में फहराया था।

29. 1984 में विंग कमांडर राकेश शर्मा ने भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को लेकर अंतरिक्ष के लिए पहली उड़ान भरी थी।

30. दिसंबर 2014 से चेन्नई में 50,000 स्वयंसेवकों द्वारा मानव झंडा बनाने का विश्व रिकॉर्ड भी भारतीयों के पास ही है।

Sunny Leone Interesting Facts In Hindi-सनी लियोन से जुड़े रोचक तथ्य

आज का हमारा आर्टिकल पब्लिक डिमांड पर शेयर किया जा रहा है. हमे फेसबुक पर बहुत सारे कमेंट आ रहे थे की सनी लियॉन के बारे में कुछ मजेदार लिखे. इस लिए आज हम आपके लिए “सनी लियोन से जुड़े कुछ सेक्सी रोचक तथ्य और जानकारी | Interesting facts about sunny leone in hindi” लेकर आये है. तो चलिए शुरू करते है

1. Sunny Leone का जन्म 13 मई 1981 को एक पंजाबी घर में हुआ !

2. सनी का पूरा नाम करनजीत कौर वोहरा है !

3. सनी लियोन ने अपने ज़िन्दगी कुल 40 एडल्ट फिल्मो में काम किया है !

4. सनी लियोन ने भारत में सबसे पहले कलर्स के शो Bigg Boss सीजन -5 में हिस्सा लिया था !

5. सनी लियोन ने बॉलीवुड में सबसे पहले जिस्म-2 फिल्म में काम किया था !

6. सनी लियोन ने अपनी ज़िन्दगी का पहला kiss महज 11 साल की उम्र में ही कर लिया था !

7. सनी लियोन के घर वाले सनी के पोर्न फिल्मो में काम करने के खिलाफ थे !

8. सनी लियोन ने अपनी वर्जिनिटी 16 साल की उम्र में खो दी थी !

9. सन 2011 और 2012 में सनी लियोन के विडियो और फोटोज google इंडिया में ट्रेंड पर थी !

10. सनी लियोन के सबसे पसंदीदा हीरो “आमिर खान” है !

11. सनी लियोन की पसंदीदा फिल्म “दिल” है !

12. सनी 2005 में ही अपना बॉलीवुड करियर कलयुग फिल्म से शुरू कर सकती थी, लेकिन उन्होंने फीस कुछ ज्यादा मांग ली जिसके कारण उन्हें फिल्म नहीं दी गयी !

13. सनी लियोन ने तमिल फिल्मो में भी काम किया है, उनकी पहली तमिल फिल्म vedacurry थी !

14. सनी लियोन पोर्न स्टार बनने से पहले जर्मनी की एक बेकरी में काम करती थी !

15. सनी एक फिल्म के लिए 4 करोड़ रूपए लेती है !

New York City Most Interesting Facts In Hindi

NYC Facts "न्यू एम्स्टर्डम" शहर को ड्यूक ऑफ यॉर्क को 1664 में अपने पिता से 18 वें जन्मदिन के रूप में पेश किया गया था। उन्होंने शहर का नाम "न्यूयॉर्क" रखा। तथा साल 178 9 में, न्यूयॉर्क शहर एक वर्ष के लिए यू.एस. की पहली राष्ट्रीय राजधानी भी बनाया गया था। तो चलिए दोस्तों आज frogpitara.com में हम जानेगे न्यूयॉर्क सिटी से जुड़े अनोखे रोचक तथ्य और जानकारी, New York City Ke Rochak Tathya.

1. अल्बर्ट आइंस्टीन की आँखें न्यू यॉर्क शहर में एक सुरक्षित बॉक्स में राखी हुई हैं।

2. 800 भाषाओं के साथ, न्यूयार्क दुनिया का सबसे भाषायी विविधतापूर्ण शहर है।

3. अधिक लोगों की हत्या की तुलना में न्यूयॉर्क शहर में आत्महत्याएं होती हैं।

4. न्यूयॉर्क शहर में एक गगनचुंबी इमारत है, जिसमे कोई खिड़की नहीं है।

5. न्यू यॉर्क में साल 2018 में दुनिया का पहला भूमिगत पार्क का उद्घाटन किया जाएगा।

6. प्राचीन रोम में आठ गुना अधिक घनी आधुनिक न्यूयॉर्क की तुलना में आबादी थी।

7. न्यूयॉर्क को दक्षिण ध्रुव के रूप में 15 गुना अधिक बर्फ मिलता है।

8. साल 2015 से, सभी न्यूयॉर्क के निवासियों को अपने पुराने कंप्यूटर को पीसी और टीवी जैसे इलेक्ट्रॉनिक सामान को रीसायकल करना चाहिए, या यूएस $ 100 का जुर्माना सामना करना होगा।

9. प्रत्येक 21 न्यू यॉर्कर्स में से 1 एक करोड़पति है।

10. न्यूयॉर्क के सबवे पर कीड़ों से बैक्टीरिया तक के 15,152 प्रकार के जीवन रूपों की पहचान की गई है।

11. न्यूयॉर्क शहर में बेघर लोगों के रूप में चार गुना ज्यादा छोड़ दिए गए घर हैं।

12. न्यूयार्क सिटी के निवासी 311 को फोन करके नि: शुल्क कंडोम और चिकनाई प्राप्त कर सकते हैं।

13. लिबर्टी द्वीप, जहां लिबर्टी की प्रतिमा है, का पानी के नीचे का हिस्सा न्यू जर्सी का हिस्सा है, न कि न्यूयॉर्क का।

14. न्यू यॉर्क शहर में किसी भी बेघर व्यक्ति के लिए एक-तरफ़ा विमान टिकट का भुगतान किया जाएगा, अगर उनके पास कहीं और रहने की गारंटी है।

15. मैनहट्टन, न्यूयॉर्क में एक बेडरूम का औसत किराया 3,400 अमेरिकी डॉलर है।

16. न्यू यॉर्क में औसत महिलाएं 1 9 मिनट का प्राइमिंग और 7 मिनट खर्च करती हैं, जो तय करती है कि प्रत्येक दिन क्या पहनें।

17. अगर आप न्यूयॉर्क शहर में बेघर रहते हैं या बिना पैसे के साथ मर जाते हैं, तो आपको हार्ट द्वीप पर कैदियों द्वारा जन कब्र में दफन किया जाता है: 1000 बच्चों के लिए कब्र और 50 वयस्कों के लिए

18. 9/11 में ट्विन टावर्स गिर जाने पर न्यूयॉर्क में, 6.5 हेक्टेयर तक के भवनों पर प्रत्यक्ष प्रभाव पड़ा।

19. पहले से ही 1 9 85 में, मदर टेरेसा ने एड्स पीड़ितों के लिए न्यूयॉर्क में एक धर्मशाला खोली थी।

20. सेंट्रल पार्क, न्यूयॉर्क के आसपास, एक हॉट डॉग स्टेंड संचालित करने के अधिकार के लिए प्रति वर्ष लगभग 3,00,000 अमेरिकी डॉलर का खर्च हो सकता है।

21. 28 नवंबर, 2012 सबसे शांतिपूर्ण दिन न्यूयॉर्क शहर था - इस दिन एक भी हिंसक अपराध नहीं बताया गया था।

22. अगर मैनहट्टन की ही आबादी घनत्व अलास्का है, तो केवल 28 लोग द्वीप पर रहेंगे।

23. न्यूयार्क सिटी में लगभग 1600 पिज्जा रेस्तरां हैं।

24. न्यूयॉर्क शहर का सबवे प्रति दिन 6 मिलियन सवार तक कार्य करता है।

25. यदि आप कभी भी सेंट्रल पार्क में खो गए हैं, मैदान के चारों ओर 1,600 लैंप पोस्ट में से प्रत्येक के पास एक विशेष कोड है, जहां आप मानचित्र में आपकी मदद कर सकते हैं।

26. वाल स्ट्रीट को 12-फुट की दीवार के नाम पर रखा गया था जो कि समुद्री डाकू हमलों को हतोत्साहित करने के लिए 17 वीं सदी के न्यू एम्स्टर्डम के नागरिकों द्वारा बनाया गया था।

27. अलास्का में, 80% से अधिक वयस्कों को अंग दाताओं के रूप में पंजीकृत किया जाता है, जबकि न्यूयॉर्क में, केवल 12% वयस्क अंग दाताओं हैं।

28. मैनहट्टन में 1.6 मिलियन लोग और 1.2 अरब चींटियां हैं।

29. ब्राजील के मोम का आविष्कार न्यूयॉर्क में हुआ था।

30. टेक्सास, न्यूयॉर्क और कैलिफ़ोर्निया सभी रूस की तुलना में बड़ी अर्थव्यवस्थाएं हैं।